26 May, 2007

कुछ ऐसे ख़याल जो हरेक की जिंदगी मै आते है शायद,
हर किसी को शब्द देना मुमकिन नही हो पाता।

कोशिश की है, आपको अपना सा लगे तो बताएयेगा,
ये कभी ना कभी होता है जिंदगी मै
भूले बिसरे...

वो चले आये

जब धीरे धीरे खिड़की से रात चली आयी,
और सन्नाटे ने अपनी चादर बिछाई,
तब कोई नही था मेरे पास,
एअक छोटा सा बल्ब था साथ ।
दरवाजे कि कुण्डी लगी थी,
मेरी डायरी भी टेबल पे पडी थी,
टेप रिकॉर्डर धीरे धीरे चल रह था,
कि इतने मै मै बत्ती चली गयी,
रात का एहसास भी ज्यादा होने लगा,
सन्नाटा भी अपनी गाथा कहने लगा,
ना कुण्डी खटकी ना आहट हुई,
नजाने कहॉ से वो चले आये,
इतने अँधेरे मै भी साफ नजर आये,
हडबडी मै हम उन्हें बिठा भी ना पाये,
और चले गए अपनी राम कहानी सुनाये...
आज ये हुआ - आज वो हुआ
हमने तुम्हारे बारे मै ये सोचा और ये किया,
वो थोडा मुस्कराये,
हमने भी अपने दात दिखाए,
कि
कि इतने मै बत्ती आ गयी ...
5/2/1995

07 May, 2007

याद

आज अकेला ही सफ़र मै था ।
यह पहली बार नही था ।
पर पहली बार था कि
मै अकेला महसूस कर रहा था ।

कभी ना हुआ ऐसा की
तुम याद आये हो ।
पर आज मै हर वक़्त
तुम्हारे साथ था ।

आज मै अधूरा था,
या कहूँ पुरा था ।
जब मुझे ऐहसास था
अपने साथ तुम्हारा ।